बलटाना से गुज़रती सुखना चौ पर बने पुल पर रेलिंग न होने से पल के एक तरफ फंसी कार
Car got Stuck
- तीन दिन पहले भी सुखना चौ में गिर चुकी है एक कार
- नगर कौंसिल प्रशासन अभी भी ना जागा तो हो सकता है कोई बड़ा हादसा
राजेश गर्ग
जीरकपुर। Car got Stuck: गाजीपुर और बलटाना में से गुजरने वाली सुखना चौ के ऊपर बने पुल दुर्घटनाओं को निमंत्रण दे रहे हैं क्योंकि दोनों जगहों पर पुल के दोनों तरफ ग्रिल को टूटे 4 महीने से ज्यादा का समय हो गया है लेकिन अभी तक इसे ठीक नहीं करवाया गया। जबकि दोनों पूलों के ऊपर से प्रतिदिन हजारो वाहन गुजरते है ऐसे में नगर कौंसिल की लापरवाही का खामियाजा वाहन चालकों व बेसहारा पशुओं को भुगतना पड़ रहा है। अब आए दिन कोई ना कोई हादसा यहां पर होता ही रहता है लेकिन नगर कौंसिल प्रशासन गहरी नींद में सोया हुआ है। अगर नगर कौंसिल प्रशासन अब भी ना जागा तो कोई ना कोई बड़ा हादसा यहां पर हो सकता है।
अब सर्दी पूरे जोरों पर है तथा घना कोहरा छाया रहता है, जिसके चलते बीती रात करीब 12:30 बजे बलटाना क्षेत्र से गुजरती हुई सुखना चौ के पुल पर एक कार हादसा ग्रस्त हो गई। इस संबंधी जानकारी देते हुए कर के मालिक जसबीर सिंह निवासी बलटाना ने बताया कि वह अपने साथी मुकेश कुमार के साथ अपनी शेव्रले कार नंबर सीएच01एसी2807 पर जब सुखना चौ के पुल से गुजरने लगा तो पुल के ऊपर गाय बैठी थी। वह गाय को बचाने के चक्कर में जब अपनी कार एक साइड से निकलने लगा तो उसकी कार के एक साइड के दो टायर पुल के नीचे उतर गए। गनीमत यह रही के कार नाले में नहीं गिरी वरना कोई बड़ा हादसा हो सकता था। उन्होंने बताया कि रात को तो वह अपनी कार को वहीं पर छोड़कर चले आए और सुबह क्रेन के साथ गाड़ी को बाहर निकलवाया।
वर्णनीय है कि तीन दिन पहले भी एक कार नाले के बीच गिर गई थी लेकिन उसे समय भी किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं थी।
मौके पर मौजूद लोगों का कहना है कि अगर इस समय कोई अप्रिय घटना हो जाती तो उसकी जिम्मेदारी किसकी बनती, क्योंकि इन पुल पर कोई ग्रिल या कोई रिफ्लेक्टर नहीं लगा हुआ। जिसके संबंध में पहले भी अखबारों में खबरें प्रकाशित हो चुकी है। कुछ दिन पहले इस मसले को अर्थ प्रकाश ने भी प्रमुखता से उठाया था लेकिन नगर कौंसिल जीरकपुर प्रशासन कुंभकरनी नींद में सोया हुआ है और किसी बड़े हादसे के इंतजार में है। स्थानीय निवासियों ने मांग की है कि इन दोनों पूलों के ऊपर दोनों तरफ मजबूत ग्रिल लगाई जाए और उस ग्रिल के ऊपर रिफ्लेक्टर टेप भी लगाई जाए ताकि अंधेरे तथा कोहरे में वाहन चालको को पुल का सही अंदाजा हो सके और वह अपना वाहन ध्यान से इसके ऊपर से निकल सकें।
इस घटना संबंधी तथा अगली कार्रवाई के संबंधी जानकारी लेने के लिए जब नगर कौंसिल जीरकपुर के कार्यकारी अधिकारी रवनीत सिंह को फोन किया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। वर्णनीय है कि जब तीन दिन पहले कार नाले में गिरी थी तो उस दिन भी उन्होंने फोन नहीं उठाया था।
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